खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों के पदक विजेताओं को सम्मानित किया

केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण और रजत सहित कुल 19 पदक जीत कर इतिहास रचने वाले भारत के पैरा-एथलीटों को सम्मानित किया। केंद्रीय कानून मंत्री श्री किरेन रिजिजू और युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर खेल विभाग के सचिव श्री रवि मित्तलयुवा कार्यक्रम विभाग की सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा तथा मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी पर उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अनुराग ठाकुर ने सभी पैरा एथलीटों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। श्री ठाकुर ने कहा, "मुझे याद है 2016 के पैरालंपिक मेंभारतीय दल के 19 पैरा-एथलीटों ने भाग लिया थाजबकि इस साल देश ने 19 पदक जीते हैं! आपने हमें दिखाया कि मानवीय भावना सबसे शक्तिशाली है! हमारी पदक तालिका में लगभग पांच गुना वृद्धि हुई है। पहली बार हमने टेबल टेनिस में पदक जीते हैंतीरंदाजी में कई पदक जीते हैंकैनोइंग और पावरलिफ्टिंग में पहली बार प्रतिस्पर्धा की है। हमने दो विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की तथा हमने और भी कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। भारत के पैरा-एथलीटों ने एक आदर्श पोडियम फिनिश दिया!"

श्री ठाकुर ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए एथलीट्स को सहायता देने में सरकार के दृष्टिकोण में एक परिवर्तनकारी बदलाव आया है। सरकार सुविधाओं और वित्त पोषण के साथ भारत के पैरालंपियन्स की सहायता करना जारी रखेगी ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। हमहमारे पैरालंपियन्स को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए और अधिक प्रोत्साहित करना चाहते हैं ताकि वे नियमित रूप से प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपने कौशल को निखार सकें।" उन्होंने आगे कहा, "सरकार भारत के पैरालंपियन्स को सुविधाओं और वित्त पोषण के साथ मदद देना जारी रखेगी ताकि पैरा-एथलीट 2024 और 2028 ओलंपिक में और भी अधिक पदक हासिल कर सकें। सभी पैरा-एथलीट लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का हिस्सा हैं और इस योजना के तहत एथलीट्स को अधिक से अधिक सहायता देने के लिए योजना को और आगे बढ़ाया जाएगा व मजबूत किया जाएगा। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की हमारी प्रतिबद्धता का भी एक हिस्सा है।"

श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि एथलीटों के असाधारण प्रदर्शन ने देश में पैरा-स्पोर्ट्स के प्रति दृष्टिकोण को बदल दिया है। सरकार ने विश्व स्तरीय सुविधाएं सुनिश्चित की हैं और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी खुद खिलाड़ियों से बात करते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। वास्तव में पिछली बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री जी ने पैरा-एथलीटों और उनके परिवारों से बातचीत करते हुए लगभग दो घंटे व्यतीत किए। इसका समाज के हर वर्ग पर प्रभाव पड़ता हैचाहे वह व्यक्तिगतकॉरपोरेटखेल संघ या कोई अन्य संगठन हो।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री रिजिजू ने सभी पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि आपने भारत को गौरवान्वित किया है। श्री रिजिजू ने कहा, ''टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी पैरा-एथलीट हमारे हीरो हैं। आप सभी हर एक के लिए प्रेरणा हैं। आपने दिखाया है कि अगर आप सपने देखने की हिम्मत करते हैं तो सब कुछ संभव हो सकता है।" श्री रिजिजू ने कहा कि हर खिलाड़ी की कहानी प्रेरणा देती है। देश में खेल संस्कृति तब स्थापित होती है जब खिलाड़ियों को हीरो के रूप में माना जाता है। श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं यह कह सकता हूं कि खेल संस्कृति अब भारत में आ गई है और प्रधानमंत्री ने इस परिवर्तनकारी बदलाव का नेतृत्व किया है।

युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक ने इस बात की सराहना की कि अधिकांश एथलीटों ने कहा है कि वे पिछले पैरालंपिक खेलों में सरकार की मदद से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत और पदक जीतने के लिए प्रत्येक एथलीट के आह्वान ने वास्तव में पैरा-एथलीटों को प्रोत्साहित किया।"

भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष सुश्री दीपा मलिक ने दिव्यांग खिलाड़ियों को समाज में समावेशी बनाने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों और सरकार की पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि टॉप्स के अंतर्गत पैरा-एथलीटों को दी गई सहायता ने इतिहास रच दिया है और आज हर कोई पैरा-एथलीटों की सफलता की चर्चा कर रहा है। सुश्री दीपा ने विशेष रूप से महिला एथलीटों के प्रतिनिधित्व में महत्वपूर्ण वृद्धि और टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के साथ उनकी सफलता पर प्रकाश डाला।

टोक्यो 2020 मेंभारत ने 19 पदक जीते हैं और इस तरह से भारत टोक्यो 2020 में प्रतिस्पर्धा करने वाले 162 देशों के बीच पदक तालिका में 24वें स्थान पर रहा और जीते गए कुल पदकों के आधार पर हमारे देश की 20वीं रैंकिंग रही। भारत ने 1968 में पैरालंपिक खेलों में भाग लेना शुरू किया था और तब से लेकर 2016 तक पैरालंपिक खेलों में केवल 12 पदक जीते थे।

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