उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को वर्तमान परिदृश्य में संशोधित किया जाएगा (कारण कि वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं ई-कॉमर्स के तीव्र विकास के चलते भ्रामक विज्ञापन, टेलीमा र्केटिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग, डायरेक्ट सेलिंग एवं ई टेलिंग उपभोक्ता संरक्षण के सामने चुनौतियां है, इसी के तहत अधिनियम में संशोधन किया जायेगा ताकि उपभोक्ताओं को सरल, सुलभ, सस्ता न्याय मिले)

केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, श्री सीआर चौधरी ने उपभोक्ता संरक्षण विधि एवं नीति विषय पर जेनेवा में आयोजित सम्मेलन में भारत सरकार की ओर से उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री सीआर चौधरी ने उपभोक्ता संरक्षण विधि एवं नीति विषय पर जेनेवा में आयोजित सम्मेलन में भारत सरकार की ओर से उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। सम्मेलन के दूसरे सत्र में बोलते हुए श्री चौधरी ने कहा कि हम प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी रूप में उपभोक्ता मानते हैं और उसी अनुरूप उपभोक्ताओं के हितों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने भारत के उपभोक्ता संरक्षण कानून की पैरवी करते हुए कहा कि भारत में उपभोक्ताओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 बना हुआ है, जो वस्तुओं एवं सेवाओं के मामले में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। कानून के तहत हमारे देश में न्याय की त्रि-स्तरीय व्यवस्था की गई है। जिसके तहत राष्ट्रीय,राज्य एवं जिला स्तर पर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष तंत्र (आयोग/मंच) का सृजन किया गया है तथा इनके माध्यम से उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग एवं राज्य स्तरीय पर 35 राज्य आयोग तथा जिला स्तर पर 659 जिला मंचों की स्थापना की गई है।
श्री चौधरी ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को वर्तमान परिदृश्य में संशोधित किया जाएगा। कारण कि वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं ई-कॉमर्स के तीव्र विकास के चलते भ्रामक विज्ञापन, टेलीमा र्केटिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग, डायरेक्ट सेलिंग एवं ई टेलिंग उपभोक्ता संरक्षण के सामने चुनौतियां है। इसी के तहत अधिनियम में संशोधन किया जायेगा। ताकि उपभोक्ताओं को सरल, सुलभ, सस्ता न्याय मिले। मध्यस्थता, जवाबदेही एवं अनुचित व्यापार व्यवहार से भी निपटने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके अलावा रियल ईस्टेटस (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 भी बनाया गया है। जिसके माध्यम से घर खरीदने वालों के हितों की भी रक्षा करना है। इसके अलावा हमारे देश में उपभोक्ताओं के लिए ही राष्ट्रीय उपभोक्ता हैल्पलाइन को और मजबूत बनाया गया है। जिसके माध्यम से बाजार, व्यापार एवं सेवा प्रदाताओं के साथ दिन-प्रतिदिन के कार्यों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का निपटान किया जाता है। इस हैल्पलाइन पर प्रति माह 40,000 से अधिक फोन काॅल्स आती है।

श्री चौधरी बताया कि उपभोक्ता कानून के अलावा भी हमारे देश में नाप-तौल एवं लोगों के स्वास्थ्य की दिशा में भी बहुत कुछ किया जा रहा है। व्यापार एवं वाणिज्य के प्रयोजन में काम आने वाले बाट एवं माप की विश्वसनीयता भी कायम की जा रही है, वहीं मानवीय स्वास्थ्य के संरक्षण एवं सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया गया है।
जेनेवा में आयोजित इस सम्मेलन में श्री चौधरी ने भारत में 01 जुलाई, 2017 से लागू किये गये जीएसटी के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कर ढांचे को पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शुरू किया है। इसके माध्यम से भी उपभोक्ता संरक्षण को सुदृढ किये जाने की मंशा है।
श्री चौधरी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उपभोक्ता शिकायत निवारण पर विशेष जोर दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में ही देश ने उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। उनका यही मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है और अर्थव्यवस्था का विकास भी उपभोक्ता की क्रय शक्ति पर निर्भर करता है और इसी भावना को मद्देनजर रखते हुए हमारी सरकारी विभागों को साफ हिदायत दी गई है कि उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण के साथ-साथ उपभोक्ता शिकायत निवारण को भी उच्च प्राथमिकता दी जाए।
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Amit/Alok /Vinod