देश के स्वतंत्रता संग्राम में ऐसी एक रानी भी हुई है, जो देश की प्रथम महिला स्वतंत्रता सैनानी होते ही भी स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में प्रथम पंक्ति में नाम दर्ज होने से रह गई
उल्लाल की यह रानी थी क्वीन अबक्का, 16 वीं शताब्दी में पुर्तगालियों से इस रानी के कई भीषण युद्ध हुए, जिनमें अबबका रानी ने इनके आक्रमण का मुंह तोड़ जवाब दिया। इनकी एक नहीं चलने दी
रानी अबबका अद्वितीय साहस की धनी, अत्यंत देशभक्त, युध्द कला में अत्यंत रण कौशल थी, रानी अदम्य साहस की धनी थी, विदेशी आक्रांताओं ने तरह तरह से इन्हें लालच देने की, फिर डराने की सभी कोशिशें की, किंतु यह किसी लालच कभी कोई धमकी में नही आई
उसने अनेक बार इनको युद्ध मे परास्त किया
आज इस रानी के बारे में हर जगह सामग्री उपलब्ध है, किन्तु जयपुर के महावीर कुमार सोनी ने रानी की गौरव गाथा पर पुस्तक लिखी और निकाली, तब प्रदेश में गिने चुने लोग ही होंगे, जिन्होंने रानी का नाम भी कहीं सुना होगा
स्कूल कालेज की किसी बुक में कभी इनका नाम पढ़ने को नहीं आया, किंतु आज स्थिति काफी बदल चुकी है, रानी के इतिहास को एक विशिष्ट योजनाबद्ध तरीक़े से देश के सामने लाने में सोनी ने अत्यंत कठिन श्रम व प्रयास किए
सोनी को जब ये सूत्र हाथ लगे कि देश मे एक ऐसी महान वीरांगना भी हुई है, जो अदम्य साहस की धनी के साथ देशभक्ति में एक अलग ही मिसाल है, तब उन्होंने रानी के बारे में तथ्य जुटलाने शुरू किए, अत्यधिक कठिन श्रम करते हुए प्राप्त तथ्यों व प्रमाणो के आधार पर रानी के बारे एक पुस्तक प्रकाशित की।
यह बात वर्ष 2017 की है, इस पुस्तक का विमोचन भाजपा शासन के दौरान तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष माननीय कैलाश चंद जी मेघवाल द्वारा उनके विधानसभा स्थित कक्ष में हुआ, उसके बाद सोनी ने इस पुस्तक की प्रति भेंट अनेक राजनेताओं, केंद्रीय एवं राज्य मंत्री गण, पत्रकार, लेखक, धार्मिक संत, पत्रकार संगठन के अध्यक्ष आदि को समय समय पर की, जो आज तक जारी है। प्रति भेंट करके उसके समाचार सोशल मीडिया पर निरन्तर होते रहे, प्रति भेंट आदि की मेमोरीज शेयर होती रही।
इस तरह सोनी ने महान वीरांगना अबबका रानी की गौरव गाथा को देश के सामने विशिष्ट रूप से सामने लाने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई, उनका यह कार्य उनकी अद्वितीय उपलब्धियों में कहलाएगा।
इस वर्ष देश महान वीरांगना अबबका रानी की 500वीं जयंती मना रहा है।