जयपुर में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन एवम् विद्वत सम्मान समारोह दिनांक 12 एवं 13 अगुस्त को

जयपुर | अपरा काशी के नाम से विख्यात जयपुर में 12 व 13 अगस्त 2017 को दो दिन ज्योतिष

महागुरुओं का समागम रहेगा। ये दो दिन जयपुर वासियों के लिए ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण मानव के लिये

ख़ास रहेगा। अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान, जयपुर द्वारा द्वि-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय

ज्योतिष सम्मेलन एवम् विद्वत सम्मान समारोह विज्ञान पार्क, शास्त्री नगर, जयपुर में आयोजित किया

जायेगा। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रवि शर्मा ने बताया की इस सम्मेलन में देश-विदेश से विभिन्न

क्षेत्रो के 300 से अधिक विद्वान मनीषियों ने अपनी सहमति प्रदान की है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. रवि

शर्मा ने बताया की इस सम्मेलन में फलित ज्योतिष, अंक ज्योतिष, रमल ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र, टेरो

कार्ड रीडर, वास्तु शास्त्र के विद्वान् सम्मिलित होंगे। इस समारोह में जयपुर से डॉ. लता श्रीमाली, सेवा

निवृत्त न्यायाधीश श्यामलाल श्रीमाली, प्रोफ़ेसर भास्कर श्रोत्रिय सहित पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी

(जोधपुर), डॉ. पूजा शर्मा (रतनगढ़), भारती गुप्ता एवं साक्षी भगत (लुधियाना), डॉ. मृत्युंजय दाश (

जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा), केतन तलसानिया (गुजरात), विकास तिवारी (आसाम), अलका बिड़ला

(जोधपुर), ऋषि भरद्वाज (मेंहदीपुर बालाजी), रचिता गुप्ता, निशु जैन (दिल्ली), बबिता चौधरी

(भिवाड़ी), उमेश यशवंत शिकरे (नासिक), मनोज कुमार शुक्ल, अशोक कुमार मिश्र (पटना), गजेंद्र

शास्त्री, अनिल स्वामी (फुलेरा), धीरज ग्रोवर (हरियाणा), आचार्य निशा छाबड़ा (नोएडा), श्री अभिषेक

जोशी, श्री नवीन रामावत, श्री सुरेश सोनी, डॉ. शंकर सिंह राजपुरोहित सहित देश के गणमान्य विद्वान

एवं विदुषी सम्मिलित होंगे।इस सम्मेलन में आम जनता ग्रहो एवम् खगोल के आधार पर नि: शुल्क

परामर्श व सरल उपायों द्वारा समस्या से लाभान्वित होगे।

कार्यक्रम दो दिन चलेगा जिसके अन्तर्गत 12 को प्रातः 10:00 बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ भारतीय

परंपरा के अनुसार विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसके बाद दोपहर 02:00 बजे से शाम 05 बजे

तक द्वितीय सत्र में पत्र वचन होगा। साथ ही दोपहर 02:00 बजे से रात्रि 08:00 बजे तक आम जनता को

ज्योतिर्विद् निःशुल्क/सशुल्कपरामर्श देंगें।

कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्वत सम्मान एवं समापन समारोह दिनांक 13 अगस्त 2017, रविवार को

दोपहर 02 बजे से प्रारम्भ होगा, जिसमे सभी विद्वानों को शॉल, प्रशस्ति पत्र, पुस्तकों का सेट, मैडल

आदि से सम्मानित किया जायेगा।