मूर्तियों पर जी एस टी में प्रस्तावित टैक्स का चौ तरफा विरोध, कहा कि आजादी के बाद पहली बार लगाया है किसी सरकार ने भगवान की मूर्तियों पर टैक्स

मूर्तियों पर जी एस टी  में प्रस्तावित टैक्स का चौ तरफा विरोध, कहा कि आजादी के बाद पहली बार लगाया है किसी सरकार ने भगवान की मूर्तियों पर टैक्स

जयपुर। मंदिरों में स्थापित की जाने वाली देवी - देवताओं की मूर्तियों पर जी. एस. टी. के रूप  कर लगाने का विरोध जहां जयपुर के मूर्तिकारों ने किया है वहीं हिन्दू संतों के साथ साथ जयपुर में विराजमान प्रख्यात जैन संत मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज ने भी इसको लेकर कड़ा एतराज जतलाया है।
विभिन्न संगठनों एवं  मूर्तिकारों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए इसको हटाने की मांग की है| धार्मिक हिन्दू सगठनों ने  कहा है कि सरकार ने भारतीय धर्म एवं आस्था पर टैक्स लगाया है, जो आज से पहले किसी सरकार ने नहीं लगाया है|  कहा गया कि आजादी से लेकर आज तक सभी केंद्रीय एवं राज्य सरकारों ने अभी तक मंदिरों में स्थापित होने वाली देवी - देवताओं की मूर्तियों पर किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं लगाया है, लेकिन पहली बार देवी - देवताओं की मूर्तियों पर भी टैक्स लगा कर न केवल लोगों की धर्म व् आस्था को ठेस पहुंचाई है अपितु धर्माचार्य, साधू संत व् धर्म गुरुओं को भी आहत किया है| सरकार से इसे हटाने की मांग की| उन्होंने कहा कि  अन्यथा देश के सभी धार्मिक हिन्दू संगठन एवं धर्माचार्य तपस्या एवं सत्याग्रह के द्वारा आन्दोलन करने को मजबूर हो जावेंगे| इस अवसर पर श्री आदि गौड़ ब्राह्मण (मूर्ती कलाकार) संस्था के अध्यक्ष सत्य नारायण पांडे ने कहा कि मंदिरों में लगने वाली सफेद पत्थर से निर्मित मूर्तियाँ गत 200 वर्षों से कुटीर उद्योग एवं हस्तशिल्प के रूप में पूरे भारत वर्ष एवं विदेशों में भी भेजी जा रही है, अगर इसे जी एस टी के दायरे में लाया गया तो इस उद्योग पर संकट आ जावेगा| उन्होंने कहा कि सरकार ने सफेद पत्थर पर पहले ही कर लगा रखा है अब मूर्तियों पर भी कर लगाकर मूर्तिकारों  एवं हिन्दू धर्म को संकट में डाल दिया है|
इधर समग्र जैन महासभा के महामंत्री वीरेन्द्र गोदीका, एडवोकेट ने भी इसको लेकर विरोध जतलाया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की, विश्व हिन्दू संयुक्त महासभा अंतर्गत श्री शान्ति सागर समाधि साधना केंद्र  के मुख्य संयोजक नित्यानंद जी महाराज ने भी सरकार के इस निर्णय पर दुःख प्रकट करते हुए मूतियों पर कर हटाने की मांग की है|