मानवाधिकार कार्यकर्ता डा0 लेनिन व श्रुति को मिला तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार

वाराणसी| अंग मदद फाउंडेशन, भागलपुर, बिहार द्वारा काशी के मानवाधिकार कार्यकर्ता डा० लेनिन रघुवंशी और श्रुति नागवंशी को तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है | यह राष्ट्रीय पुरस्कार इनके दलितों, गरीबो, आदिवासियों, अल्पसंख्यको, महिलाओ एवं बच्चो के साथ पिछले 25 वर्षो से मानवाधिकार जननिगरानी समिति संस्था की स्थापना करके इनके हक़ हुकूक के लिए निरंतर संघर्ष करते हुए इनको न्याय दिलाने में जो अपना बहुमूल्य और अतुल्यनीय योगदान दिया है उसके लिए अंग मदद फाउंडेशन ने इनको इस पुरस्कार से नवाजने की घोषणा की है। इनको यह पुरस्कार सामाजिक कार्य की श्रेणी में दिया गया है।
बताते चले कि तिलका मांझी को पहला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी माना जाता है। देश की आजादी व ब्रिटिश हुकूमत के अन्याय के खिलाफ इन्होने जो आवाज उठाई और जो संघर्ष किया उसकी याद में प्रत्येक वर्ष अंग मदद संस्था उनकी स्मृति में जो सामाजिक कार्यकर्ता समाज में अन्याय के खिलाफ और आम जनो के अधिकारों के लिए संघर्षरत है उनको यह राष्ट्रीय पुरस्कार देकर उनका हौसला अफजाई किया जाता है।
यह पुरस्कार पूर्व में दिव्या नायर (अमेरिका), लोरेना जुलियो (अर्जेंटीना), मनोज मीता एवं सऊद जमाल इत्यादि लोगो को भी मिल चुका है|
डा0 लेनिन रघुवंशी ने इस राष्ट्रीय पुरस्कार के मिलने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार श्रुति नागवंशी के साथ पाकर मै आनंदित और गौरान्वित हूँ।