लेखकों की आवाज़ से लोकतंत्र को मिलती है मज़बूती - बी.डी. कल्ला,तीन दिवसीय समानान्तर साहित्य उत्सव का हुआ समापन


अभी सरकार को पता नहीं घुसपैठियों को किस देश में भेजेगी - कन्नन गोपीनाथन
लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर आईएएस की नौकरी छोड़ चुके कन्नन गोपीनाथन ने पीएलएफ के आखिरी सत्र में धारा 370 और CAA को लेकर सरकार की नीतियों पर संवाद किया। इस दौरान उन्होने कहा कि देश सरकार और राजनेताओं के सवालों से जवाब हां और नां से जवाब नहीं देवें । इसके बाद कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि 6 महिनों तक कश्मीरी लोगों को क़ैद करने से क्या कश्मीरी बाक़ी भारत के क़रीब आ सकेंगे ? केवल आशंकाओं के चलते ना केवल आपने बीते ६ महिनों से लोगों के फ़ोन, मोबाइल बंद कर दिए बल्कि चुने हुए सांसद और प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को क़ैद कर रखा है। क्या इसे लोकतंत्र कहते है ? कन्नन ने कहा कि लोकतंत्र तानाशाही में तब बदलता है, जब उसका नागरिक चुप्पी साध लेता है। 
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफ़ा 370 हटाने को लेकर नहीं था बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ था। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि CAA में क्यों श्रीलंका, भूटान और नेपाल जैसे देशों का नाम भी नहीं लिखा। इसके साथ ही उन्होंने किसी भी धर्म को न मानने वाले लोगों के बारे में अपना पक्ष रखा। कन्नन ने सरकार के कई फ़ैसलों पर कटाक्ष करते हुए उनके नतीजों पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान उन्होंने अपनी बिहार यात्रा का एक संस्मरण सुनाते कहा कि लोगों को यह लगता है कि कश्मीर में 370 हटने से विकास कार्य होंगे तो उन्होने पूछा कि क्या आपके यहाँ विकास कार्य हो गए हैं। तो लोगों को वास्तविकता समझ में आयी। इस दौरान मीमांस पत्रिका के संपादक नीतिन यादव ने मंच संचालन किया।
लेखकों की आवाज़ से लोकतंत्र को मिलती है मज़बूती - बी.डी. कल्ला

तीन दिवसीय समानान्तर साहित्य उत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए काबीना मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का होना समाज और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस दौरान राजस्थानी, हिन्दी और उर्दू सहित अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं पर आयोजित सत्रों की भी प्रशंसा की। इस दौरान कार्यक्रम के अध्यक्ष ऋतुराज ने कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य लोगों के सामने रखा, वहीं मुख्य संयोजक ईशमधु तलवार ने कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखाओं और लेखकों के आपसी सहयोग के बारे में बताया,वहीं संयोजक प्रेमचंद गांधी ने कार्यक्रम के अंत में सभी सहयोगियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन किया ।