विद्यार्थी दबाव व तनाव के बिना करें पढ़ाई- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी

"परीक्षा पे चर्चा" कार्यक्रम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को होगा फायदा- उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी

जयपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सोमवार को “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम के 8वें संस्करण में देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों से चर्चा के दौरान परीक्षा के तनाव से मुक्त रहने, टाइम मैनेजमेंट, टीमवर्क, लीडरशिप, पोषण आहार और पर्याप्त नींद, स्किल, योग-मेडिटेशन, माता-पिता की भूमिका, सफलता-असफलता, अभिरुचि, लर्निंग, धैर्य और पर्यावरण जैसे विषयों पर सुझाव दिए।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जी ने संदेश देते हुए छात्रों को बताया की दबाव व तनाव के बिना कैसे परीक्षा देनी है, ऐसे में इस तनाव को मन में न लें और तय करें कि आपको आज कितना पढ़ना है। ये अगर आप कर लेते हैं, तो आप इस तनाव से खुद को निकाल सकते हैं। जीवन में सफल होने के लिए अपने जीवन की विफलताओं को अपना टीचर बना लें। उन्होंने कहा है कि प्रेशर की परवाह न करते हुए परफॉरमेंस पर ध्यान दें।
प्रधानमंत्री जी ने शिक्षकों से कहा कि बच्चों को आप दीवारों में बंद करके एक प्रकार से किताबों का जेलखाना बना दें, तो बच्चे ग्रो नहीं कर सकते हैं। बच्चों को खुला आसमान चाहिए, उनको अपनी पसंद की चीजें चाहिए। अगर वो अपनी पसंद की चीजें अच्छे से करता है, तो पढ़ाई भी अच्छे से करेगा। जिदंगी में परीक्षा ही सब कुछ है, इस प्रकार के भाव से नहीं जीना चाहिए। 
उन्होंने अभिभावकों और परिवारजनों से आग्रह किया कि आप अपने बच्चों को समझने और जानने का प्रयास कीजिए। उनकी इच्छाओं व क्षमताओं को समझिए। उनकी क्षमता के हिसाब से उन्हें मॉनिटर कीजिए और उनको मदद कीजिए।
प्रधानमंत्री जी ने बच्चों को मिलेट के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि पौष्टिक आहार से शरीर का संपूर्ण विकास होता है, इसलिए सभी विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन करना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि प्रकृति का शोषण वाला हमारा कल्चर नहीं है। हमारा लाइफस्टाइल ऐसा हो, जो प्रकृति की रक्षा करे, प्रकृति का पोषण करे। उन्होंने बच्चों के साथ “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान की चर्चा करते हुए पौधारोपण भी किया।
कार्यक्रम को लेकर उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि आज “परीक्षा पे चर्चा” के 8वें संस्करण के दौरान प्रधानमंत्री जी दिल्ली के सुंदर नर्सरी में बच्चों से एक अभिभावक, मित्र और पिता की तरह मिले और बहुत ही सरल भाषा में उनके सवालों के जवाब दिए। परीक्षा पर होने वाली यह चर्चा अब देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के विद्यार्थियों के बीच लोकप्रिय हो रही है। छात्र जो परीक्षा देने जाते हैं उनके मन में अलग-अलग प्रकार के दबाव होते हैं। कैसे उन्हें इस दबाव से बाहर निकाला जाए, उस दृष्टि में यह कार्यक्रम काफी मददगार होगा। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूं।

Related Posts